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Showing posts from September 24, 2017

दुर्गा अष्टमी: दुर्गा पूजा की धूम

माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों को सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है- 'अष्टवर्षा भवेद् गौरी।' इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है। माँ महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी है। हमें सदैव इनका ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मन को अनन्य भाव से एकनिष्ठ कर मनुष्य को सदैव इनके ही पादारविन्दों का ध्यान करना ...

बीएचयू में तनाव : जिम्मेदार कौन

चिंतन व परिचर्चा~ "अब बीएचयू में तनाव ..जिम्मेदार कौन " . बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज ने एक बार फिर हमारे शिक्षा परिसरों के माहौल और उसके प्रति शासन-प्रशासन तंत्र के रवैये पर गंभीर सवाल उठाये हैं। एक छात्रा से सरेराह छेड़छाड़ की घटना पर छात्र आक्रोश से निपटने के निहायत संवेदनहीन और अदूरदर्शी रवैये के चलते ही इस प्रकरण की प्रतिक्रिया देश की राजधानी दिल्ली तक दिखायी दी। चौंकाने वाली बात यह भी है कि बीएचयू के नाम से चर्चित और लोकप्रिय यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में स्थित है, जो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे के लिए अपनी पीठ खुद थपथपाने का कोई भी मौका नहीं चूकते। यह भी कि उत्तर प्रदेश में मोदी की ही पार्टी भाजपा की सरकार है, जिसकी कमान भी उन्हीं की पसंद योगी आदित्यनाथ के हाथों में है। जाहिर है कि बीएचयू के कुलपति पद पर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-भाजपा के चहेते गिरीश चंद्र त्रिपाठी विराजमान हैं। इसलिए इस प्रकरण के लगातार बिगड़ते जाने की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी उन्हीं संगठनों-व्यक्तियों की बनत...

राजस्थानी कविता‌ ‍‌: मन री इच्छा

हाथी दीज्ये घोड़ा दीज्यै, गधा गधेड़ी मत दीज्यै. सुगरां री संगत दे दीज्यै, नशा नशेड़ी मत दीज्यै. घर दीज्यै घरवाळी दीज्यै, खींचाताणीं मत दीज्यै. जूणं बळद री दे दीज्ये, तेली री घाणीं मत दीज्यै. काजळ दीज्यै, टीकी दीज्यै, पोडर वोडर चाहे मत दीज्यै. पतली नार पदमणीं दीज्यै, तूं बुलडोजर मत दीज्यै. टाबर दीज्यै, टींगर दीज्यै, बगनां बोगा मत दीज्यै. जोगो एक देय दीज्यै, पणं दो नांजोगा मत दीज्यै. भारत री मुद्रा दै दीज्यै, डालर वालर मत दीज्यै. कामेतणं घर वाली दीज्यै, ब्यूटी पालर मत दीज्यै. कैंसर वैंसर मत दीज्यै, तूं दिल का दौरा दे दीज्यै. जीणों दौरो धिक ज्यावेला, मरणां सौरा दे दीज्यै. नेता और मिनिस्टर दीज्यै, भ्रष्टाचारी मत दीज्यै. भारत मां री सेवा दीज्यै, तूं गद्दारी मत दीज्यै. भागवत री भगती दीज्यै, रामायण गीता दीज्यै. नर में तूं नारायण दीज्यै, नारी में सीता दीज्यै. मंदिर दीज्यै, मस्जिद दीज्यै, दंगा रोळा मत दीज्यै. हाथां में हुनर दे दीज्यै, तूं हथगोळा मत दीज्यै. दया धरम री पूंजी दीज्यै, वाणी में सुरसत दीज्यै. भजन करणं री खातर दाता, थोड़ी तूं फुरस...

रोहिंग्या..... प्रथम कड़ी

रोहिंग्या ... प्रथम कड़ी ..                 मैंने अभी तक रोहिंग्या प्रकरण पर कुछ भी नही लिखा , क्यों ?  क्योंकि मैं देखना चाहता था , की भारतीय राजनेता वोट बैंक के लालच में कितना गिर चुके है , हालाँकि अंदाज़ा था , पर फिर भी सोचता था , की जब देश की सुरक्षा , अस्मिता पर बात होगी , तब शायद ये नेता वोट बैंक की राजनीति से निकल सकते है , पर मैं गलत निकला .....आइये देखते है , कुछ नेताओं को ....                 इस मसले पर भारत सरकार और कांग्रेस पार्टी का रुख तो बेहद साफ रहा , कोई लाग–लपेट नही ,सरकार ने जो पब्लिक में कहा , कुछ वैसा ही हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया गया , और कांग्रेस का बस चले , तो आज ही सबको इंदिरा गाँधी आवास योजना का घर दे दे ....             सबसे अधिक आशा मुझे बौद्ध धर्म अपना चुकी , BSP की एकमात्र स्वघोषित छत्रप , #मायावती से थी , की वो इस मसले पर तो कम से कम खुल कर अपनी बात रखेंगी , पर ये क्या , आज तक एक भी बयान नही , क्या करे , यानी खुला खेल 19% वोट बैंक को ...

मां की इच्छा

  _*🔴🎷🌺 *माँ की इच्छा* 🌺🎷🔵*_    _महीने बीत जाते हैं ,_    _साल गुजर जाता है ,_    _वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर ,_    _मैं तेरी राह देखती हूँ।_                    _आँचल भीग जाता है ,_                    _मन खाली खाली रहता है ,_                    _तू कभी नहीं आता ,_                    _तेरा मनि आर्डर आता है।_                              _इस बार पैसे न भेज ,_                              _तू खुद आ जा ,_                              _बेटा मुझे अपने साथ ,_               ...