रोहिंग्या ... प्रथम कड़ी ..
मैंने अभी तक रोहिंग्या प्रकरण पर कुछ भी नही लिखा , क्यों ? क्योंकि मैं देखना चाहता था , की भारतीय राजनेता वोट बैंक के लालच में कितना गिर चुके है , हालाँकि अंदाज़ा था , पर फिर भी सोचता था , की जब देश की सुरक्षा , अस्मिता पर बात होगी , तब शायद ये नेता वोट बैंक की राजनीति से निकल सकते है , पर मैं गलत निकला .....आइये देखते है , कुछ नेताओं को ....
इस मसले पर भारत सरकार और कांग्रेस पार्टी का रुख तो बेहद साफ रहा , कोई लाग–लपेट नही ,सरकार ने जो पब्लिक में कहा , कुछ वैसा ही हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया गया , और कांग्रेस का बस चले , तो आज ही सबको इंदिरा गाँधी आवास योजना का घर दे दे ....
सबसे अधिक आशा मुझे बौद्ध धर्म अपना चुकी , BSP की एकमात्र स्वघोषित छत्रप , #मायावती से थी , की वो इस मसले पर तो कम से कम खुल कर अपनी बात रखेंगी , पर ये क्या , आज तक एक भी बयान नही , क्या करे , यानी खुला खेल 19% वोट बैंक को नाराज क्यों और कैसे करे , चुप रहो , लड़ने दो , आपस मे , बाद में तो वो तो है ही , दलित - बौद्ध वोट बैंक की ठेकेदार ... नजर रखियेगा इनकी चुप्पी भी ये साबित करती है , की कुछ भी हो जाये , देश मे आग लग जाये , पर वोट बैंक ना खिसकने पाए......पूछिये मायावती जी से , इनको निकाला जाय , की इंदिरा गाँधी आवास योजना का घर दिया जाय ...
दूसरी उम्मीद थी , बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम से बहुत तेजी से उभर कर आये , जिनके पिता तुल्य है लालू जी , लेकिन हम तो पिता ही समझते है , जी यहाँ बात हो रही लालू पुत्र #तेजस्वी से , निर्विवाद रूप से बिहार में विपक्ष के एकमात्र नेता , कोई चुनौती नही , आगे पीछे से , जब भी नीतीश बाबू जायँगे , यही होंगे बिहार के मुखिया , पर ये क्या , इनके भी मुह से बोल नही फूटे , और इनके भैया , उ जो शंख बजा कर बता रहे थे कि बीजेपी को उखाड़े बिना नही सोयँगे तक नही, इस मसले पर वो भी सो गए ... मतलब साफ है , देश जाए भाड़ में पहले अपना वोट बैंक सम्भालो .....पूछिये तेजस्वी जी से , इनको निकाला जाय , की इंदिरा गाँधी आवास योजना में घर दिया जाय.
तीसरी उम्मीद , थी , आम आदमी के हितों की बात करने वाले , DELHI के मुख्यमंत्री #अरविंद जी से , की राजनीतिक विरोध अपनी जगह , पर देश की सुरक्षा पर बात होगी , तब तो बोलेंगे ही , अपना और अपनी पार्टी के मत जनता के मध्य रखेंगे , इनके कार्यकर्ता बहुत उम्मीद लगाए थे , की आगे आने वाले समय मे आप पार्टी और अरविंद जी देश की केंद्रीय राजनीति में अहम रोल में होंगे , पर ये क्या , यहाँ भी चुप्पी , सन्नाटा .... पूछिये अरविंद जी , इनको निकाला जाय , की इनको इंदिरा गाँधी आवास योजना में घर दिया जाय ...
बहुत महंगा होगा , आप सभी को देश के सुरक्षा के मसले पर वोट बैंक की राजनीति के चलते इस तरह चुप्पी साधना , फिर वही गलती कर रहे हो आप लोग , 19% के लालच में देश की बहुसंख्यक जनता के मत पर किनारे रख कर ....याद रखियेगा रामधारी सिंह "दिनकर"जी बहुत पहले लिख गए है ....
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध
आज तो केवल तीन की ही बात की गई , ये सभी वो है जो आने वाले समय मे केंद्रीय राजनीति में अपना अहम रोल निभाने वाले है , पर वोट बैंक की राजनीति जुबान पर इतना बड़ा ताला लगा देगी , ये नही सोचा था हमने ..... ,,,,,,,,,
मैंने अभी तक रोहिंग्या प्रकरण पर कुछ भी नही लिखा , क्यों ? क्योंकि मैं देखना चाहता था , की भारतीय राजनेता वोट बैंक के लालच में कितना गिर चुके है , हालाँकि अंदाज़ा था , पर फिर भी सोचता था , की जब देश की सुरक्षा , अस्मिता पर बात होगी , तब शायद ये नेता वोट बैंक की राजनीति से निकल सकते है , पर मैं गलत निकला .....आइये देखते है , कुछ नेताओं को ....
इस मसले पर भारत सरकार और कांग्रेस पार्टी का रुख तो बेहद साफ रहा , कोई लाग–लपेट नही ,सरकार ने जो पब्लिक में कहा , कुछ वैसा ही हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया गया , और कांग्रेस का बस चले , तो आज ही सबको इंदिरा गाँधी आवास योजना का घर दे दे ....
सबसे अधिक आशा मुझे बौद्ध धर्म अपना चुकी , BSP की एकमात्र स्वघोषित छत्रप , #मायावती से थी , की वो इस मसले पर तो कम से कम खुल कर अपनी बात रखेंगी , पर ये क्या , आज तक एक भी बयान नही , क्या करे , यानी खुला खेल 19% वोट बैंक को नाराज क्यों और कैसे करे , चुप रहो , लड़ने दो , आपस मे , बाद में तो वो तो है ही , दलित - बौद्ध वोट बैंक की ठेकेदार ... नजर रखियेगा इनकी चुप्पी भी ये साबित करती है , की कुछ भी हो जाये , देश मे आग लग जाये , पर वोट बैंक ना खिसकने पाए......पूछिये मायावती जी से , इनको निकाला जाय , की इंदिरा गाँधी आवास योजना का घर दिया जाय ...
दूसरी उम्मीद थी , बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम से बहुत तेजी से उभर कर आये , जिनके पिता तुल्य है लालू जी , लेकिन हम तो पिता ही समझते है , जी यहाँ बात हो रही लालू पुत्र #तेजस्वी से , निर्विवाद रूप से बिहार में विपक्ष के एकमात्र नेता , कोई चुनौती नही , आगे पीछे से , जब भी नीतीश बाबू जायँगे , यही होंगे बिहार के मुखिया , पर ये क्या , इनके भी मुह से बोल नही फूटे , और इनके भैया , उ जो शंख बजा कर बता रहे थे कि बीजेपी को उखाड़े बिना नही सोयँगे तक नही, इस मसले पर वो भी सो गए ... मतलब साफ है , देश जाए भाड़ में पहले अपना वोट बैंक सम्भालो .....पूछिये तेजस्वी जी से , इनको निकाला जाय , की इंदिरा गाँधी आवास योजना में घर दिया जाय.
तीसरी उम्मीद , थी , आम आदमी के हितों की बात करने वाले , DELHI के मुख्यमंत्री #अरविंद जी से , की राजनीतिक विरोध अपनी जगह , पर देश की सुरक्षा पर बात होगी , तब तो बोलेंगे ही , अपना और अपनी पार्टी के मत जनता के मध्य रखेंगे , इनके कार्यकर्ता बहुत उम्मीद लगाए थे , की आगे आने वाले समय मे आप पार्टी और अरविंद जी देश की केंद्रीय राजनीति में अहम रोल में होंगे , पर ये क्या , यहाँ भी चुप्पी , सन्नाटा .... पूछिये अरविंद जी , इनको निकाला जाय , की इनको इंदिरा गाँधी आवास योजना में घर दिया जाय ...
बहुत महंगा होगा , आप सभी को देश के सुरक्षा के मसले पर वोट बैंक की राजनीति के चलते इस तरह चुप्पी साधना , फिर वही गलती कर रहे हो आप लोग , 19% के लालच में देश की बहुसंख्यक जनता के मत पर किनारे रख कर ....याद रखियेगा रामधारी सिंह "दिनकर"जी बहुत पहले लिख गए है ....
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध
आज तो केवल तीन की ही बात की गई , ये सभी वो है जो आने वाले समय मे केंद्रीय राजनीति में अपना अहम रोल निभाने वाले है , पर वोट बैंक की राजनीति जुबान पर इतना बड़ा ताला लगा देगी , ये नही सोचा था हमने ..... ,,,,,,,,,
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