माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों को सभी कल्मष धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है- 'अष्टवर्षा भवेद् गौरी।' इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है। माँ महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी है। हमें सदैव इनका ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मन को अनन्य भाव से एकनिष्ठ कर मनुष्य को सदैव इनके ही पादारविन्दों का ध्यान करना ...
चिंतन व परिचर्चा~ "अब बीएचयू में तनाव ..जिम्मेदार कौन " . बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज ने एक बार फिर हमारे शिक्षा परिसरों के माहौल और उसके प्रति शासन-प्रशासन तंत्र के रवैये पर गंभीर सवाल उठाये हैं। एक छात्रा से सरेराह छेड़छाड़ की घटना पर छात्र आक्रोश से निपटने के निहायत संवेदनहीन और अदूरदर्शी रवैये के चलते ही इस प्रकरण की प्रतिक्रिया देश की राजधानी दिल्ली तक दिखायी दी। चौंकाने वाली बात यह भी है कि बीएचयू के नाम से चर्चित और लोकप्रिय यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में स्थित है, जो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे के लिए अपनी पीठ खुद थपथपाने का कोई भी मौका नहीं चूकते। यह भी कि उत्तर प्रदेश में मोदी की ही पार्टी भाजपा की सरकार है, जिसकी कमान भी उन्हीं की पसंद योगी आदित्यनाथ के हाथों में है। जाहिर है कि बीएचयू के कुलपति पद पर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-भाजपा के चहेते गिरीश चंद्र त्रिपाठी विराजमान हैं। इसलिए इस प्रकरण के लगातार बिगड़ते जाने की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी उन्हीं संगठनों-व्यक्तियों की बनत...